वैज्ञानिकों ने सोने के पृथ्वी तक पहुंचने की प्रक्रिया का खुलासा किया

पहले यह माना जाता था कि पृथ्वी की खदानों में पाया गया सोना संभवतः पृथ्वी पर उत्पन्न नहीं हुआ है, बल्कि यह कहीं और से, जैसे एस्टेरॉयड्स से आया है। हालांकि, वैज्ञानिकों को कभी भी किसी एस्टेरॉयड में पर्याप्त सोना नहीं मिला था, जिससे यह सिद्ध हो सके कि सोना उसी तरह पृथ्वी पर आया है जैसे पानी एस्टेरॉयड्स के जरिए आया। अब, एक नई खोज से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली है कि पृथ्वी के मेंटल से सोना पृथ्वी की सतह तक कैसे पहुंचा।

अरबों साल पहले आया था सोना
वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि ब्रह्मांड में सोना केवल दो न्यूट्रॉन सितारों की टक्कर के दौरान उत्पन्न होता है, जब चरम परिस्थितियाँ बनती हैं। पृथ्वी पर मौजूद सारा सोना अरबों साल पहले आया था और फिर विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद, पृथ्वी के मेंटल में समाहित हो गया। हालांकि, यह समझना कि यह सोना पृथ्वी की सतह तक कैसे पहुंचा, एक रहस्य बना हुआ था।

नई स्टडी और “गोल्ड ट्राइसल्फाइड कॉम्प्लेक्स”
वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर में स्थित सोने के अयस्क का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि सोना पृथ्वी के मेंटल के भीतर गहराई में उत्पन्न हुआ और मैग्मा के माध्यम से सतह पर आया। इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझने के लिए, वैज्ञानिकों ने “प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज” में एक नया अध्ययन प्रकाशित किया।

शोधकर्ताओं ने संख्यात्मक मॉडलिंग का उपयोग करते हुए पाया कि सोने से भरपूर मैग्मा को ऊपर उठने के लिए कुछ विशिष्ट स्थितियों की आवश्यकता होती है। उनका अध्ययन पहले से विवादित सिद्धांत “गोल्ड ट्राइसल्फाइड कॉम्प्लेक्स” का समर्थन करता है, जो अब एक नए दृष्टिकोण से समझाया गया है।

सोने की यात्रा: मेंटल से सतह तक
सोना पृथ्वी के मेंटल में गहरे दबाव और तापमान पर पाया जाता है। इसका सल्फर के साथ एक विशेष रासायनिक संबंध है। जब सोना सल्फर से मिलता है, तो वह “गोल्ड ट्राइसल्फाइड कॉम्प्लेक्स” में बदल जाता है। यह कॉम्प्लेक्स अस्थिर होता है और जब भूवैज्ञानिक गतिविधियाँ जैसे ज्वालामुखी विस्फोट होती हैं, तो यह ऊपर की ओर उठता है।

आदर्श स्थान: सबडक्शन जोन
वैज्ञानिकों के अनुसार, सोना हर जगह से नहीं निकल सकता, इसके लिए आदर्श स्थान “सबडक्शन जोन” है, जहां एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धकेली जाती है। इस क्षेत्र में दबाव और तापमान की स्थितियाँ सोने के लिए अनुकूल होती हैं। यहां सोना “गोल्ड ट्राइसल्फाइड कॉम्प्लेक्स” के रूप में पाया जाता है, जो विशेष परिस्थितियों में ऊपर उठकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है।

निष्कर्ष
यह नई खोज यह स्पष्ट करती है कि सोना पृथ्वी के गहरे में उत्पन्न हुआ और विशिष्ट भूवैज्ञानिक परिस्थितियों में यह सतह तक पहुंचता है। यह शोध न केवल पृथ्वी के सोने के भंडार की उत्पत्ति को समझने में मदद करता है, बल्कि यह “गोल्ड ट्राइसल्फाइड कॉम्प्लेक्स” की भूमिका को भी स्पष्ट करता है, जिसे पहले तक वैज्ञानिकों के लिए अज्ञात माना जाता था।

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