कलियुग में कैसी होंगी शादियां?

धर्म शास्त्रों में चार युगों का वर्णन किया गया है, और इनमें से कलियुग अंतिम युग है। कलियुग को सबसे बुरा युग माना गया है, और इस युग के समाप्त होने के बाद फिर से सतयुग आएगा। शास्त्रों में पहले ही कलियुग के बारे में कई भविष्यवाणियां की जा चुकी हैं, जिसमें यह भी बताया गया है कि कलियुग में विवाह केवल लाभ और लोभ तक सीमित रह जाएंगे, और इन शादियों का उद्देश्य प्रेम नहीं, बल्कि स्वार्थ होगा।

श्रीकृष्ण ने की थी भविष्णवाणी
भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में ही कलियुग के विवाहों को लेकर भविष्यवाणी कर दी थी। उन्होंने कहा था कि कलियुग में विवाह का मुख्य उद्देश्य केवल निजी लाभ होगा। प्रेम की भावना का कोई स्थान नहीं होगा, बल्कि विवाह के पीछे छिपा उद्देश्य केवल लोभ और स्वार्थ होगा।

कलियुग में शादी भावना नहीं, भव्यता होगी
भगवान श्रीकृष्ण ने भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में शादियां भावनाओं की बजाय भव्यता और दिखावे पर आधारित होंगी। विवाह को एक धार्मिक और संस्कृतिक संबंध के बजाय महज एक बड़े समारोह के रूप में देखा जाएगा। अब शादियां केवल एक सामाजिक उत्सव बनकर रह जाएंगी, जिसमें दिखावा और आडंबर का अहम स्थान होगा।

शादी में पैसों का दिखावा
श्रीकृष्ण की भविष्यवाणी के अनुसार, कलियुग में शादियों में धन और संपत्ति का दिखावा किया जाएगा। धनी लोग शादी के जरिए अपनी संपत्ति और ऐश्वर्य का प्रदर्शन करेंगे, जबकि गरीब लोगों का उपहास उड़ाया जाएगा। यह भविष्यवाणी आजकल की शादियों में सच होती दिख रही है, जहां खर्चीले और भव्य विवाह समारोहों के बीच असमानता का प्रदर्शन बढ़ रहा है।

धनवान से ही करना चाहेंगे विवाह
भगवान श्रीकृष्ण ने यह भी कहा था कि कलियुग में लोग केवल धनवान व्यक्तियों से ही विवाह करना चाहेंगे। किसी के गुण, स्वभाव या प्रेमभाव की बजाय समाज में धन और संपत्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। इस भविष्यवाणी के अनुसार, जिसके पास जितना अधिक धन होगा, उसके लिए विवाह के अधिक अवसर होंगे।

विवाह नहीं व्यापार होगा
श्रीकृष्ण ने भविष्णवाणी की थी कि कलियुग में विवाह एक व्यापार बन जाएगा। लोग अपने व्यक्तिगत लाभ और लोभ के आधार पर विवाह करेंगे। विवाह के दौरान मूल्यवान चीजों का आदान-प्रदान होगा, जैसे कि दहेज, ताकि दोनों पक्षों को लाभ हो सके। यह भविष्यवाणी आजकल दहेज प्रथा के रूप में साकार होती दिख रही है, जहां शादी को एक व्यापारिक लेन-देन समझा जाता है।

रिश्तों की गरिमा दांव पर
भगवान श्रीकृष्ण ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में शादियों से रिश्तों की गरिमा पर संकट आएगा। लोग एक-दूसरे के साथ रिश्ते नहीं, बल्कि पैसे और संपत्ति के लिए जुड़ेंगे। रिश्तों का महत्व कम होकर केवल आर्थिक लाभ का महत्व बढ़ेगा।

इस प्रकार, भगवान श्रीकृष्ण ने कलियुग में होने वाली शादियों की जो भविष्यवाणी की थी, वह आज के समय में पूरी तरह से साकार होती हुई नजर आती है। धर्मशास्त्रों की यह भविष्यवाणी समाज की वास्तविकताओं से मेल खाती है, जहां विवाह अब प्रेम और भावना से अधिक भव्यता, दिखावा और स्वार्थ के आधार पर हो रहे हैं।

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