इस्लामाबाद, 25 दिसंबर : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो वर्तमान में जेल में हैं, ने पाकिस्तान सरकार से बातचीत के लिए अपनी पार्टी की समिति के लिए सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) के अध्यक्ष साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा को प्रवक्ता नामित करते हुए अपनी वार्ता टीम के साथ मुलाकात की मांग की है ताकि यह प्रक्रिया प्रभावी बन सके।
पार्टी की टीम से बैठक की मांग
इमरान खान (72), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक, ने कहा कि वह अपनी पार्टी की टीम से मिलकर मुद्दों को सही तरीके से समझना चाहते हैं। खान ने कहा, “पार्टी की वार्ता समिति की कोशिशें सराहनीय हैं, लेकिन इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए मुझे अपनी नामित वार्ता टीम से मिलना जरूरी है।” यह बयान उन्होंने अपनी कानूनी टीम से मंगलवार को रावलपिंडी के आदियाला जेल में मुलाकात के दौरान दिया।
पार्टी के मुद्दे और सरकार से मांग
इमरान खान ने सरकार से अपनी पार्टी की कुछ प्रमुख मांगें भी प्रस्तुत की हैं, जिनमें उनकी पार्टी के सभी विचाराधीन राजनीतिक बंदियों की रिहाई और 9 मई 2023 और 26 नवंबर 2023 की घटनाओं की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन शामिल है। उन्होंने कहा कि अगर इन मांगों को स्वीकार किया जाता है, तो वह पहले घोषित सिविल नाफरमानी आंदोलन को स्थगित कर देंगे।
सिविल नाफरमानी आंदोलन का खतरा
उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वह अपने सिविल नाफरमानी आंदोलन को फिर से शुरू करेंगे। उन्होंने डर जताया कि सरकार उनकी जांच की मांगों को नजरअंदाज करने की कोशिश कर सकती है, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे।
सैन्य अदालतों का विरोध
इमरान खान ने सैन्य अदालतों को “असंवैधानिक” बताते हुए कहा कि इन अदालतों के फैसले पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और इस तरह की अमानवीय कार्रवाइयों के कारण पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
पार्टी के प्रदर्शन और राजनीतिक संघर्ष
इमरान खान ने विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों से अपील की थी कि अगर उनके द्वारा उठाई गई मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो वे रेमिटेंस का बहिष्कार करें। यह घोषणा उन्होंने 19 दिसंबर को की थी।
पार्टी के संघर्ष का विस्तार
2023 में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद, PTI के हजारों समर्थकों ने विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था। इस प्रदर्शन में जिन्ना हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में ISI बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाया गया था। 26 नवंबर को भी PTI के समर्थकों ने राजधानी इस्लामाबाद की ओर मार्च किया था, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।