लखनऊ: 19 दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश विधानसभा का तीसरा सत्र स्थगित कर दिया गया। इस सत्र के स्थगन के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मेरा कार्यकाल लगभग तीन साल का हो चुका है, और मैंने हमेशा सभी सदस्यों को सदन में अधिक से अधिक अपनी बात रखने के लिए प्रोत्साहित किया है। लेकिन जब सदन में हंगामा होता है, तो अनुशासन बनाए रखने के लिए कई बार कड़े फैसले लेने पड़ते हैं। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान को पूरे सत्र से निष्कासित किया गया।”
विधानसभा की गौरवशाली परंपरा और भविष्य की योजनाएं
सतीश महाना ने विधानसभा की गौरवशाली परंपरा की ओर भी संकेत किया और कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक और भव्य बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यूपी विधानसभा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा, ताकि कामकाज को और अधिक व्यवस्थित किया जा सके।
विधायकों के बीच चर्चा और सुधार की योजना
सतीश महाना ने आगे बताया कि सभी दलों के कुल 403 विधायकों के साथ चर्चा की जाएगी। इस चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं: सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर संसदीय संस्थाओं को मजबूत बनाना, असत्य समाचारों और कृत्रिम मीडिया के युग में लोकतांत्रिक लचीलापन लाने में संसद की भूमिका, लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता, और संसदीय प्रक्रियाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग। इन बिंदुओं पर छोटी-छोटी कमेटियों के माध्यम से विधायकों के बीच सार्थक परिचर्चा कराई जाएगी, और उसके आधार पर सरकार को सुझाव भेजे जाएंगे।
मीडिया की भूमिका पर आभार
विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि सत्र के दौरान होने वाली चर्चाओं को जनता तक पहुंचाने में मीडिया की बड़ी भूमिका है। इस संदर्भ में उन्होंने मीडिया का आभार भी व्यक्त किया।