कांग्रेस नेताओं को घरों में नज़रबंद, रामपुर में लोकतंत्र की हत्या का आरोप
कांग्रेस नेताओं की नज़रबंदी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
रामपुर: कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष धर्मेन्द्र देव गुप्ता और शहर अध्यक्ष नोमान खाँ ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने कांग्रेस नेताओं को घरों में नज़रबंद कर लोकतंत्र की हत्या की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं से डरती है और इस नज़रबंदी से यह साफ़ होता है कि भाजपा सरकार ने संविधान और लोकतंत्र को खत्म कर दिया है।
भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप
धर्मेन्द्र देव गुप्ता और नोमान खाँ ने कहा कि भाजपा की तानाशाही सरकार ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को उनके ही घरों में बंद कर दिया है, यह कदम सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए उठाया गया है। उनका आरोप था कि सरकार कांग्रेस के विधानसभा घेराव को कमजोर करने के लिए यह कार्रवाई कर रही है। गुप्ता ने यह भी कहा कि कांग्रेस का सिपाही कभी डरने वाला नहीं है और वह अपनी लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ेगा।
कई वरिष्ठ नेताओं को किया गया नज़रबंद
शहर अध्यक्ष नोमान खाँ ने बताया कि पूर्व विधायक अफरोज अली खाँ, युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव मणि कपूर, ज़िला उपाध्यक्ष अकरम सुलतान, अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मोईन पठान, युवा कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष आरिफ अल्वी, शहर उपाध्यक्ष जगमोहन मोना, ज़िला सचिव रामगोपाल सैनी समेत कई प्रमुख कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने उनके घरों में नज़रबंद कर रखा है।
कांग्रेस का आरोप – प्रदेश सरकार विफल साबित हुई
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि जिस तरह से प्रदेश भर में कांग्रेस नेताओं को लखनऊ कूच करने से रोका जा रहा है, उससे यह साबित होता है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। उनकी नज़र में, यह कदम केवल उनकी नाकामियों को छुपाने के लिए उठाया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा कांग्रेस से डरती है और इसके खिलाफ कार्रवाई कर लोकतंत्र को कुचल रही है।
कांग्रेस ने प्रदेश में जारी इस नज़रबंदी के खिलाफ विरोध जताया और सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। कांग्रेस के नेता इस आंदोलन को जारी रखने की बात कर रहे हैं और इसे भाजपा की तानाशाही के खिलाफ एक संघर्ष मानते हैं।