कुरुक्षेत्र में “दिव्य गीता चिंतन” समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की शिरकत
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और डॉ. सुदेश धनखड़ भी रहे मौजूद उपराष्ट्रपति की उपस्थिति ने बढ़ाई अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की गरिमा
- रिपोर्ट: एम पी भार्गव
कुरुक्षेत्र (हरियाणा): धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में रविवार को “दिव्य गीता चिंतन” समारोह का आयोजन भव्य रूप से किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कार्यक्रम में भाग लिया।
उपराष्ट्रपति की उपस्थिति ने बढ़ाई गरिमा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (nayab saini) ने अपने संबोधन में कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की गरिमा कई गुना बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, “आपका यहां आना न केवल श्रीमद्भगवद्गीता और धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के प्रति आपकी गहरी रुचि को दर्शाता है, बल्कि हरियाणा की संस्कृति और परंपरा के प्रति आपके लगाव को भी प्रदर्शित करता है।”
गीता: भारत का विचार और मानवता के लिए मार्गदर्शक
मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा, “दिव्य ग्रंथ गीता मानवता का सबसे बड़ा विचार है। इसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले जाने की प्रेरणा हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिली है। गीता का संदेश सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। इसे अपनाना और मनन करना मानवता को जीवंत बनाए रखने के लिए आवश्यक है।”
गीता के संदेश को विश्व स्तर पर ले जाने का प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा प्रेरित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से पवित्र ग्रंथ गीता को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयासों का मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गीता भारत की आत्मा का प्रतीक है और इसका संदेश हर युग में प्रासंगिक है।
धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भव्य आयोजन
कार्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का उच्चारण किया गया और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से गीता के विचारों को प्रस्तुत किया गया। धर्मक्षेत्र की पवित्र भूमि पर आयोजित इस समारोह ने श्रद्धालुओं को गीता के संदेश से जोड़ने का प्रयास किया।
अध्यात्म और संस्कृति का संगम
“दिव्य गीता चिंतन” समारोह ने कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ाया। उपराष्ट्रपति की उपस्थिति ने इस आयोजन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और गीता के अमर संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।