राज्यसभा सभापति ने सदन की परंपराओं और फैसलों के सम्मान पर दिया जोर

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सदन की परंपराओं के पालन और अध्यक्ष द्वारा दिए गए फैसलों के सम्मान के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सदस्यों से उत्पादकता बढ़ाने और चर्चा, संवाद, विचार-विमर्श के लिए सदन में नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

उत्पादकता बढ़ाने पर जोर
सभापति ने कहा, “यह भारतीय संविधान को अपनाने की सदी की चौथी तिमाही का पहला दिन है। आइए, हम सदन की उत्पादकता को बढ़ाएं और ऐसा माहौल बनाएं जो चर्चा, संवाद और नियमों के पालन का उदाहरण बने।”

सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील
राज्यसभा को वरिष्ठों का और उच्च सदन बताते हुए उन्होंने सदस्यों को सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि संविधान को अपनाने के अवसर पर मनाए गए उत्सव के मद्देनजर सदन में जिम्मेदारी और सम्मान की भावना को बढ़ाने की आवश्यकता है।

विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा
विपक्ष द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव को लेकर सभापति ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में कई सरकारें आईं, लेकिन स्थगन प्रस्तावों की संख्या एकल अंक से अधिक नहीं रही।

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गौतम अडाणी के अभियोग पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस दिया। उन्होंने नोटिस में उल्लेख किया कि अमेरिकी अदालत के खुलासे में अडाणी समूह पर रिश्वत देने के आरोप हैं।

राज्यसभा में हंगामा और कार्यवाही स्थगित
विपक्ष ने अडाणी, मणिपुर और संभल में हुए बवाल पर चर्चा की मांग की, जिससे राज्यसभा और लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सभापति ने सदस्यों से सभी मुद्दों को नियमों के तहत उठाने की अपील की और कहा कि सदन का संचालन नियमों के अनुसार होना चाहिए ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।

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