डिजिटल अरेस्ट: वायुसेना से रिटायर्ड सार्जेंट को फरीदाबाद से बिहार भेजकर साइबर ठगों ने ट्रांसफर करवा लिए 5 लाख 3 हजार रुपये
फरीदाबाद, 27 अक्टूबर 2024 — साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड एयर फोर्स सार्जेंट को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर उन्हें गिरफ्तार करने का डर दिखाया और फिर उन्हें फरीदाबाद से बिहार तक भेजकर उनके बैंक खाते से 5 लाख 3 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने सीबीआई के डीसीपी बनकर तीन दिनों तक उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी। यह घटना फरीदाबाद के एक बैंक कर्मचारी आदित्य कुमार झा के साथ घटित हुई, जिन्होंने इस मामले की शिकायत साइबर थाना सेंट्रल में दर्ज करवाई है।
ठगों ने रिटायर्ड सार्जेंट को दिया डिजिटल अरेस्ट का झांसा
बेनीपट्टी (बिहार) के रहने वाले आदित्य कुमार झा, जो वर्तमान में ग्रेटर फरीदाबाद के डिस्कवरी पार्क सेक्टर-80 में रहते हैं, ने बताया कि 6 अक्टूबर 2024 को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उनके आधार कार्ड से एक और सिम एक्टिवेट हो गया है, जिसके जरिए अश्लील और जुआ संबंधित मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसके चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उनका सिम कार्ड बंद किया जा रहा है।
सीबीआई डीसीपी बनकर की धमकी
आदित्य ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि उसने कोई दूसरी सिम कार्ड नहीं जारी कराई है, जिसके बाद कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली स्थित सीबीआई का डीसीपी बताया और कहा कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकला है। ठग ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी और कहा कि दो घंटे में दिल्ली स्थित सीबीआई ऑफिस पहुंचना होगा, अन्यथा गिरफ्तारी हो जाएगी।
पैसे ट्रांसफर करने के लिए बिहार भेजा
ठग ने आदित्य को यह भी बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है, और उन्हें नवाब मलिक के साथ जुड़ा बताया। इसके बाद आदित्य को डराया-धमकाया गया और कहा गया कि किसी को कुछ बताए बिना तुरंत पैसे ट्रांसफर कराए जाएं। धमकियों के डर से आदित्य फरीदाबाद स्थित बैंक शाखा से 5 लाख 3 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए निकला, लेकिन बैंक ने यह ट्रांसफर रोक दिया, क्योंकि आदित्य ने अपनी एफडी मधुबनी (बिहार) के बैंक में कराई थी।
एफडी तुड़वाकर बिहार में ट्रांसफर की रकम
आदित्य बिहार स्थित अपने गांव बेनीपट्टी गया और वहां अपनी एफडी तुड़वाकर ठगों के कहने पर पैसे ट्रांसफर करवा दिए। इस दौरान ठग लगातार वीडियो कॉल पर बने रहे। हालांकि, जब आदित्य के चाचा डॉ. विनोदानंद झा को शक हुआ और उन्होंने फोन पर वीडियो कॉल का जवाब दिया, तो ठग का पर्दाफाश हुआ। ठगों का खेल सामने आते ही आदित्य ने परिवार को सूचित किया और अगले दिन फरीदाबाद वापस लौट आया।
साइबर थाना में मामला दर्ज
आदित्य ने मामले की शिकायत फरीदाबाद के साइबर थाना सेंट्रल में दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है और ठगों की तलाश शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर साइबर ठगी के खतरे को उजागर किया है, जो अब डिजिटल माध्यमों के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं।
यह घटना एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे साइबर अपराधी अब न केवल फोन कॉल्स और मैसेज के माध्यम से बल्कि डिजिटल अरेस्ट और फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को धोखा दे रहे हैं। पुलिस ने जनता को सतर्क रहने और किसी भी अनजान कॉल पर तुरंत कार्रवाई न करने की सलाह दी है।