नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में मंगलवार से हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों पर ग्रैप-4 की पाबंदियों में छूट देने की बात कही गई थी।
आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि दिल्ली-एनसीआर में सभी राज्य सरकारें सुनिश्चित करेंगी कि 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ मोड में संचालित हों। इसका मतलब यह है कि छात्रों को फिजिकल क्लास के साथ-साथ ऑनलाइन क्लास का विकल्प भी दिया जाएगा।
फिजिकल और ऑनलाइन मोड में चलेंगी कक्षाएं
सीएक्यूएम के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के मद्देनजर तुरंत प्रभाव से यह फैसला लागू किया गया है। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर की सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूलों में 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं दोनों मोड में चलाई जाएं।
निर्णय छात्रों और अभिभावकों पर छोड़ा गया
आयोग ने स्पष्ट किया है कि छात्रों और अभिभावकों के पास यह विकल्प रहेगा कि वे स्कूल जाकर फिजिकल क्लास अटेंड करें या घर से ऑनलाइन क्लास करें। इससे पहले ग्रैप-4 की पाबंदियों के कारण दिल्ली-एनसीआर में कक्षाएं पूरी तरह ऑनलाइन हो रही थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को वायु प्रदूषण के मामले पर सुनवाई हुई। अदालत ने दिल्ली सरकार से एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का विस्तृत डाटा मांगा और स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आदेश का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि सभी प्राधिकरण इसे लागू कर सकें। इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार, 28 नवंबर को होगी।
यह फैसला प्रदूषण की गंभीर स्थिति और छात्रों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे दोनों पक्षों को राहत मिलेगी।