संभल में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद डीके फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दर्ज कराई है। फाउंडेशन ने अपने मेमोरेंडम ऑफ आर्टिकल के प्रावधानों के तहत स्वता संज्ञान लेते हुए यह याचिका दाखिल की है।
याचिका में लगाए गए आरोप
➡️ फाउंडेशन का कहना है कि पुलिस प्रशासन की कार्रवाई एकतरफा है और केवल मुस्लिम पक्ष को निशाना बनाया जा रहा है।
➡️ याचिका में यह भी कहा गया है कि पुलिस प्रशासन की अंधाधुंध फायरिंग के कारण मुस्लिम समुदाय के तीन लोगों की मौत हो गई है। फाउंडेशन ने इसे निंदनीय घटना करार देते हुए जांच की मांग की है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का बयान
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा कि संभल में मस्जिद का सर्वेक्षण अदालत के आदेश के तहत किया जा रहा था। उन्होंने कल हुई हिंसा को दुखद बताते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। पाठक ने कहा, “जो भी घटना हुई है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी।”
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर “असंवेदनशील कार्रवाई” का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विभाजन और भेदभाव बढ़ रहा है।
संभल में हुई इस हिंसक घटना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर विरोध और मांगें तेज हो गई हैं। प्रशासन पर निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ रहा है।