उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ई-रिक्शा की संख्या 56 हज़ार के पार पहुंच गई है। यह संख्या 2015 में ई-रिक्शे की शुरुआत से बहुत तेजी से बढ़ी है। तब लखनऊ में केवल 892 ई-रिक्शे ही थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 56,000 हो गई है।
ई-रिक्शा के इस तेज़ विस्तार ने जहाँ एक ओर जाम की समस्या को बढ़ाया है, वहीं दूसरी ओर 50,000 से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी का भी जरिया बना है। इसमें कई ग्रेजुएट और मास्टर डिग्री धारक भी ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे हैं।
ई-रिक्शे का यह बढ़ता हुआ नेटवर्क लखनऊ के परिवहन क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है, लेकिन साथ ही शहर में यातायात की समस्या को भी जन्म दे रहा है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस बढ़ते ई-रिक्शा के झंझट को किस तरह से नियंत्रण में लाता है और साथ ही इसके लाभकारी पहलू को किस तरह बढ़ावा देता है।