एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल पहुंचे श्री अकाल तख्त साहिब, कनाडा में मंदिर पर हमले को लेकर जताई चिंता
एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और कनाडा में मंदिर पर हुए हमले को लेकर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि कनाडा और भारत के बीच चल रहे मौजूदा हालात दोनों देशों के नागरिकों पर असर डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विवाद असल में विचारधारा की लड़ाई है, न कि किसी धर्मस्थल पर हमले का मामला। गुरचरण सिंह ने गुरु नानक के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि सिख कभी किसी भी धर्म के स्थल पर हमला नहीं करते।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मुद्दे पर दिए गए बयान का स्वागत किया और कहा कि भारत के नेताओं को विदेशों में सिख गुरुद्वारों के बाहर हो रहे प्रदर्शनों पर भी अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए। गुरचरण ग्रेवाल ने कहा कि भारत और कनाडा के इस विवाद का हल निकलना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत बने रहें।
अमृतपाल सिंह के मुद्दे पर हाईकोर्ट द्वारा सरकारों से जवाब मांगे जाने के फैसले का भी ग्रेवाल ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीरता से जांचा जाना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने एसजीपीसी के रुख को दोहराते हुए कहा कि एसजीपीसी उन सभी नौजवानों के साथ खड़ी है जिन्हें दूर-दराज की जेलों में रखा गया है।
हरविंदर सरना के बयान पर उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते, लेकिन यदि किसी सिख ने सिंह साहिब को लेकर अपने विचार रखे हैं तो यह एक सकारात्मक बात है।