Shardiya Navratri 2024 सनातन धर्म में मां दुर्गा की उपासना के लिए दुर्गा अष्टमी व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। शारदीय नवरात्रि में दुर्गाष्टमी(Durga Ashtami ) व्रत का विशेष स्थान है। इस दिन मां भगवती की आराधना की जाती है, और महा अष्टमी के दिन से दुर्गा पूजा का विधिवत शुभारंभ होता है। इस अवसर पर महा स्नान और षडषोपचार पूजा का आयोजन होता है। मान्यता है कि दुर्गाष्टमी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं। हालांकि इस वर्ष दुर्गाष्टमी व्रत की तिथि को लेकर कई लोगों में उलझन है। आइए जानते हैं इस वर्ष की दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami ) की सही तिथि और पूजा का महत्व।
महा दुर्गाष्टमी व्रत (Durga Ashtami ) 2024 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभारंभ 10 अक्टूबर को दोपहर 12:35 बजे होगा, और इसका समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12:05 बजे पर होगा। इस वर्ष सप्तमी व्रत का पालन 10 अक्टूबर को किया जाएगा, और सप्तमी एवं अष्टमी व्रत एक साथ नहीं रखे जाते हैं। इसलिए दुर्गाष्टमी (Durga Ashtami ) व्रत 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा, और इसी दिन महानवमी व्रत का भी पालन किया जाएगा।
दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व
शास्त्रों में दुर्गाष्टमी व्रत (Durga Ashtami ) का विशेष महत्व बताया गया है। नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी व्रत को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है क्योंकि इस दिन मां भगवती और कन्याओं की उपासना की जाती है। विशेष रूप से इस दिन कन्या पूजन का महत्व अत्यधिक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गाष्टमी व्रत का पालन और कन्या पूजन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और ग्रह दोषों का निवारण भी होता है।
इसलिए दुर्गाष्टमी व्रत (Durga Ashtami ) का पालन करने वाले भक्तों के जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं. khabrejunction.Com इसकी पुष्टि नहीं करता