उत्तर प्रदेश के राम में रजा पुस्तकालय एवं संग्रहालय के 250 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रामपुर के स्टार नाईट म्यूजिकल ग्रुप ने ‘एक शाम शहीदों के नाम’ प्रस्तुति दी, जबकि अल्मोड़ा के चंदन वोहरा ग्रुप ने कुमांऊनी लोक नृत्य का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में मौजूद दर्शक इस अद्भुत प्रस्तुति को देखकर काफी आनंदित हुए। रामपुर रजा पुस्तकालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने कहा कि यह पुस्तकालय राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें पाण्डुलिपियों, चित्रों और दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह है। उन्होंने आगे कहा कि रामपुर रजा लाइब्रेरी में रागमाला चित्रों का एक अल्बम संकलित है, जो भारतीय संगीत के रागों पर आधारित है। भारतीय चित्रकला ने भारतीय संगीत को आत्मसात किया है और एक नया रूप प्रदान किया है।
इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. मिश्र ने शहीदों को याद करते हुए कहा, “भारतीय होने का मतलब है कि हम उन सभी शहीदों को सदैव याद रखें, जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति दी।” उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तकालय की ओर से हर साल 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए विशेष प्रदर्शनियां आयोजित किया जाता है।
इस मौके पर रामपुर रजा पुस्तकालय ने दुर्लभ कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया है। डॉ. मिश्र ने सभी शोधकर्ताओं, विद्वानों और नागरिकों से अपील की कि वे रामपुर के रजा पुस्तकालय आएं और यहां की समृद्ध संस्कृति एवं इतिहास का ज्ञान हासिल करें।