रामपुर: गांधी जयंती के अवसर पर महाविद्यालय परिसर में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिस अवसर पर महाविद्यालय के पुस्तकालय तिरंगा लाइट से सुसज्जित किया गया, समारोह का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर जागृति मदन के द्वारा झंडा फहराया गया एवं मौजूद छात्र,एनसीसी कैडेट्स और प्राध्यापक गण के द्वारा राष्ट्रगान गाकर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी के संदेश का वाचन किया गया, महाविद्यालय प्राचार्य के द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा गया के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हम सबके आदर्श हैं सत्य अहिंसा जैसे मूल्यों को अंगीकार कर हम अपने राष्ट्र की उन्नति में सहयोग प्रदान करे। इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की शपथ भी दिलाई गई। कार्यक्रम की अगली कड़ी में मौजूद छात्रों का एनसीसी कैडेट्स और प्राध्यापकों के द्वारा स्वच्छता कार्यक्रम महाविद्यालय प्रांगण में चलाया गया एवं प्राचार्य द्वारा वृक्ष रोपण किया गया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र का अनावरण किया गया एवं मोजूद प्राध्यापको के द्वारा दोनो ही महान विभूतियों के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए गए। डा अरुण कुमार के द्वारा श्रीमद्भगवद् गीता का पाठ किया गया, डा शकील अहमद द्वारा कुरान की आयत की व्याख्या की गई, डा लोकेश कुमार के द्वारा गुरुवाणी, डा साक्षी त्यागी द्वारा बाइबिल डा माया भारती ने बौद्ध धर्म के मूल संदेश की व्याख्या एवं पाठ किया गया। मंच संचालन डा सैयद अरशद रिजवी द्वारा किया गया। इस अवसर पर डा संतोष यादव के द्वारा मंच से गांधी जी के जीवन वृत पर व्यापक विचार प्रस्तुत करते हुआ कहा की गांधी जी को महान परिस्थितियों ने नही बनाया अपितु गांधी जी ने अपने मजबूत आदर्शो के द्वारा परिस्थिति का निर्माण किया। सैयद अब्दुल वाहिद ने कहा की पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री छोटे कद के किंतु विराट व्यक्तित्व थे, जिनसे कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी सीखने को मिलती है, डा वीके राय ने इस अवसर पर कहा की गांधी जी ने भूखों गरीब एवं उच्च तबकों की लड़ाई लड़ी एवं समाज के सभी वर्गो को राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा। अंत में डा मुजाहिद अली के द्वारा गांधी जी की प्रिय धुन रघुपति राघव राजा राम की मधुर धुन प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया, कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक छात्र मोजूद रहे।