बिहार में गंडक, कोसी, बागमती, महानन्दा और अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण 43 जिलों के 20 प्रखण्डों में लगभग 1.41 लाख जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई है। प्रभावित जिलों में पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और मधुबनी शामिल हैं।
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिया है। एक सामुदायिक रसोई केन्द्र का संचालन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 100 लोगों को भोजन प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, 3 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जहाँ लगभग 1200 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए हैं।
अब तक बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच लगभग 200 पॉलीथीन शीट और 2200 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है। आवागमन को सुगम बनाने के लिए कुल 240 नावों का परिचालन किया जा रहा है, और आवश्यकता बढ़ने पर इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य की देख-भाल के लिए चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, पशुओं के लिए पशु दवा और पशु चारे की भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
जिलों को दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में पानी फैल रहा है, वहाँ एन.डी.आर.एफ. और एस.डी.आर.एफ. की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाया जाए। विशेष ध्यान बच्चों, वृद्धजन और गर्भवती महिलाओं पर दिया जाए।