न्यायालयों में ‘तारीख पर तारीख’ की संस्कृति को बदलने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए: राष्ट्रपति मुर्मू
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि न्यायालयों में “तारीख पर तारीख” की संस्कृति को बदलने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए ताकि न्याय प्रक्रिया तेज़ हो सके।
राष्ट्रीय जिला न्यायपालिका सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायालयों में मामलों की लंबितता “हम सभी” के लिए एक बड़ी चुनौती है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “न्यायालयों में तारीख पर तारीख की संस्कृति को बदलने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि देश के सभी न्यायाधीशों पर न्याय की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों का तनाव कोर्टरूम में बढ़ जाता है, जिसे उन्होंने “ब्लैक कोर्ट सिंड्रोम” नाम दिया, और इसका अध्ययन करने का सुझाव दिया।
#WATCH | President Droupadi Murmu addresses the closing ceremony of the National District Judiciary Conference.
She says "…I am told that in recent times there has been improvement in the availability of timely administration, infrastructure, facilities, training and… pic.twitter.com/g4LAO1ml78
— ANI (@ANI) September 1, 2024
राष्ट्रपति ने महिलाओं की बढ़ती संख्या पर भी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे। इस अवसर पर, राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट का ध्वज और प्रतीक चिन्ह भी जारी किया।