शहर कोतवाली पुलिस ने चोरी की घटना के चार दिन बाद भी नहीं दर्ज की पीड़ित की एनसीआर और एफआईआर

रामपुर। शहर कोतवाली क्षेत्र में 28 अगस्त को एक महिला जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने गई थी, जहां उसके साथ चोरी की घटना हो गई। इस घटना में शामिल महिला चोर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसकी फुटेज पीड़िता ने शहर कोतवाल पवन वीर सिंह को सौंप दी और कोतवाली में चोरी की तहरीर भी दे दी। बावजूद इसके, बीते 88 घंटों में भी पुलिस द्वारा ना तो एनसीआर दर्ज की गई और ना ही एफआईआर।

पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र का कहना है कि किसी भी पीड़ित द्वारा दी गई एप्लीकेशन पर पुलिस तुरंत लिखित कार्रवाई करेगी और उसे न्याय दिलाने का काम करेगी। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस वाली सरकार के बावजूद, शहर कोतवाली पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

शहर कोतवाली क्षेत्र में क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, और पुलिस घटनाओं को सुलझाने में नाकाम साबित हो रही है। खासकर जिला अस्पताल में महिला चोर गैंग सक्रिय है। अस्पताल चौकी इंचार्ज मनोज कुमार सिंह और हेड कांस्टेबल रविंद्र चौधरी भी बाइक चोरी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में असफल हो रहे हैं, जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो रही है और समाज में गलत संदेश जा रहा है।

गौरतलब है कि 28 अगस्त को जिला महिला चिकित्सालय में एक महिला के साथ ₹19,000 की चोरी की घटना हुई थी। सीसीटीवी फुटेज में यह भी देखा गया कि अस्पताल चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल रविंद्र चौधरी महिला चोर से कुछ लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह फुटेज पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र की जनपद में प्रशंसा हो रही है, लेकिन शहर कोतवाली पुलिस की इस निष्क्रियता ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ समाजसेवी लोगों का मानना है कि जब से विद्यासागर मिश्र ने जनपद का चार्ज संभाला है, क्राइम कंट्रोल हुआ है, लेकिन इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

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