गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल
मनोहर लाल के छः रत्न या छः छक्के यानि सभी के सभी जनता की परीक्षा में फेलl
नायब सैनी-
मौजूदा मुख्यमंत्री, खट्टर की घोषित रबर स्टैम्प, जिनके खुद के गांव में विधानसभा व लोकसभा चुनाव में बीजेपी हार हुई। उनकी पत्नी जिला परिषद के इलेक्शन में चौथे व आखिरी स्थान पर रही।
मोहन बडौली –
भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मोहन बडोली लोकसभा का चुनाव हार गए। प्रदेश में प्रभाव नहीं।
कृष्ण बेदी-
मौजूदा पार्टी महामंत्री, विधानसभा चुनाव हार गए। आगामी चुनाव में संभावित हार देकर शाहबाद सीट छोडकर नई सीट की तलाश में नजर आते हैं।
सुभाष बराला- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा चुनाव बुरी हार गए। विधानसभा क्षेत्र में प्रभावहीन, मनोहर आशिर्वाद से राज्यसभा भेजे गए।
संजय भाटिया-
संगठन के बड़े फैसलों में शामिल लेकिन लोकसभा चुनाव छः लाख से अधिक वोटों से जीत के बावजूद टिकट कटी और पीछले चुनाव में एक भी जगह मनोहर लाल खट्टर ने स्टेज शेयर नहीं किया।
सुरेंद्र पुनिया-
मौजूदा महामंत्री, विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार बुरी तरह हार।
हरियाणा बीजेपी में ये हारे हुए लोग फैसले लेते नजर आ रहे हैं। परदे की पीछे मनोहर लाल के चेले अभिमन्यु, जवाहर यादव, गौड आदि भी जनता में प्रभावहीन हैं, लेकिन ये भी पार्टी के फैसलों को प्रभावित कर रहे हैं। इनमें कई तो पार्टी की टिकट की दौड़ भी मनोहर दरबार में लगा रहे हैं।
दुमछला .बिल्ली के भाग से भूपिंदर सिंह हुड्डा व उनके लाल दीपेंद्र सिंह हुड्डा, शैलजा या किसी अन्य का छींका टूट सकता है l

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल

दुनिया का नौवां अजूबा-अमित शाह ने ऐलान किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा जो सुरक्षित सीट की तलाश में हैं। नायब सैनी कैसे नेता हैं? वे सीएम का चेहरा हैं और वह खुद एक सुरक्षित सीट की तलाश में हैं? आत्मविश्वास का कितना कम स्तर है! इसका कारण हरियाणा की राजनीति और लोगों के कल्याण में उनका शून्य योगदान है। “क्या हरियाणा के मुख्यमंत्री को यह भी पता नहीं था कि आज दोपहर को चुनाव की घोषणा हो रही है”। ‘. दोपहर 1 बजे
चंडीगढ़ में वह पत्रकारों से कह रहे हैं कि चुनाव पहले नहीं होंगे और दो घंटे बाद भारत के चुनाव आयोग ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की घोषणा की। क्या केंद्रीय भाजपा नेतृत्व को भी जानकारी नहीं थी या उसने जानबूझकर सीएम के साथ जानकारी साझा नहीं की? क्या केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल भी इस बात से अनभिज्ञ थे या उन्होंने जानबूझकर नायब सैनी के साथ जानकारी साझा नहीं की ताकि उन्हें शर्मनाक स्थिति में डाला जा सके क्योंकि वह कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोकप्रिय हो रहे थे। मनोहर टेलपीस के अहंकारी व्यवहार के विपरीत। सैनी ने साबित कर दिया है कि वह मनोहर लाल के डमी हैं।

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल

जनता कांग्रेस के साथ नहीं बल्कि भाजपा के खिलाफ है l कांग्रेस के नेता किसी गलतफहमी में न रहे .

उन्होंने सिवाय ट्विटर पर बयान देने के जनहित में कोई भी आंदोलन नहीं किया. असल में जनता भाजपा से पिंड छुड़वाना चाहती है.

इनेलो ज्जपा और आप में दम नहीं तो मजबूरी का नाम महात्मा गांधी यानि कांग्रेस

 

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