Faridabad Murder Case : आखिर पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज हुआ केस, परिजनों ने उठाया शव; पढ़िए क्या है पूरा मामला?
Faridabad Murder Case फरीदाबाद में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत के मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पीड़ित परिजनों ने मोर्चरी से शव उठाने से इंकार कर दिया था। अब पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होने के बाद परिजनों ने शव उठा लिया है। जानिए आखिर युवक की मौत का पूरा मामला क्या है।
फरीदाबाद। क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 की हिरासत में मौत होने के मामले में आखिरकार क्राइम ब्रांच व टाउन नंबर दो के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या व एससी-एसटी एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है।
बल्लभगढ़ थाने में दर्ज कराया था मुकदमा
यह घटनाक्रम सेक्टर-65 क्राइम ब्रांच का था, इसलिए आदर्श नगर बल्लभगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उधर, सुबह 12 बजे मृतक के स्वजन व समाज के लोग पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-21सी पहुंच गए थे। यहां लोगों ने इस मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की और नारेबाजी की। उस दौरान पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य कार्यालय में नहीं थे।
बताया गया कि पुलिस उपायुक्त मुख्यालय अभिषेक जोरवाल लोगों से आकर मिले। आश्वासन दिया कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद स्वजन बादशाह खान अस्पताल पहुंचे और शव को ले गए।
मामले की चल रही है न्यायिक जांच
बता दें इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है। डॉक्टरों के बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। पुलिस के अनुसार हवालात में अमित ने कंबल फाड़कर उसकी रस्सी बनाकर आत्महत्या की थी। पीड़ित मांग कर रहे थे कि क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 और टाउन नंबर दो पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
जानलेवा हमले की धाराओं के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
पुलिस के अनुसार, हरीश अधिक घायल हो गया था। पुलिस ने हरीश के भाई की शिकायत पर अमित के खिलाफ जानलेवा हमले की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 की टीम ने चाकू लगने से घायल अमित को हिरासत में ले लिया था।
जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और दी थी धमकी
अमित के भाई सुमित का आरोप है कि क्राइम ब्रांच ने अपने कार्यालय ले जाकर अमित को बहुत पीटा। जहां पर चाकू लगा था, वहां पर चोट मारी गई। इस वजह से अमित की मौत हो गई। टाउन नंबर दो पुलिस चौकी में पुलिसकर्मियों ने भी तीखा व्यवहार किया था। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और धमकी दी थी।
इसी नाराजगी की वजह से मोर्चरी से शव नहीं उठाया गया था। आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि अब इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।