ठाणे। 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम को गुरुवार को नवी मुंबई की तलोजा जेल से बाहर निकाल दिया गया और उसे कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच नासिक की केंद्रीय जेल में स्थानांतरित किया जा रहा है, एक अधिकारी ने बताया।
उन्होंने बताया कि सलेम को सुबह 11.30 बजे एक वाहन में तलोजा जेल से बाहर निकाला गया।
2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किए गए सलेम को 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में दोषी ठहराया गया और 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
उसे तलोजा जेल में रखा गया था, लेकिन जेल अधिकारियों ने विशेष अदालत को बताया था कि उसे नासिक केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, क्योंकि तलोजा जेल के अंदर उच्च सुरक्षा वाली कोठरी खस्ताहाल है और उसे तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।
सलेम ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने पिछले महीने तलोजा जेल से नासिक सेंट्रल जेल में उसके नियोजित स्थानांतरण के खिलाफ उसके आवेदन को खारिज कर दिया था। सलेम ने दावा किया कि उसे तलोजा सुविधा से बाहर निकालने का निर्णय, जहां वह 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, उसे मारने की “साजिश” थी, क्योंकि उसे कुछ महीनों में रिहा किया जा सकता है।
गौरतलब है कि जब सलेम की याचिका बुधवार को न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई, तो पीठ ने बिना कोई कारण बताए सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। याचिका को दूसरी खंडपीठ के समक्ष रखा जाएगा। नवी मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को सलेम को तलोजा जेल से बाहर निकाला और उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक वाहन में नासिक स्थानांतरित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “चूंकि सलेम एक हाई-प्रोफाइल कैदी है, इसलिए उसे तलोजा से नासिक तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए हर एहतियात बरती गई है। पुलिस टीम में एक इंस्पेक्टर, कमांडो और जेल विभाग के पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। ठाणे और नासिक दोनों जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों सहित पूरे रास्ते पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।” सूत्रों ने बताया कि जिस वाहन में उसे ले जाया जा रहा है, उसमें सीसीटीवी कैमरा लगा है।
हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में सलेम ने कहा कि तलोजा जेल उसके लिए बहुत सुरक्षित है और उसने आशंका जताई कि अन्य जेलों में प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के सदस्य उस पर हमला कर सकते हैं। गैंगस्टर ने कहा कि इस समय स्थानांतरण “अनावश्यक और अनुचित है, और दुर्भावनापूर्ण इरादों से प्रेरित है।” सलेम ने कहा कि वह वर्तमान में दिल्ली में दो मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है और उसे राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करनी पड़ती है।
याचिका में कहा गया है कि उसे दूसरी जेल में स्थानांतरित करने से उसकी दिल्ली यात्रा प्रभावित होगी, जिससे उसके खिलाफ मुकदमों में देरी हो सकती है। सलेम ने दलील दी कि उसे तलोजा सुविधा के अंदर किसी अन्य बैरक या सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सकता है, जो बहुत विशाल है और इसके लिए व्यवस्था की जा सकती है।
1993 के बम विस्फोट मामले के अलावा, सलेम को मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के लिए 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।