महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर गांव रोरी के महाराजा सूरजमल अखाड़े मे शेर ए पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर कुश्ती दंगल का आयोजन भी किया गया। दंगल मे मुख्य अतिथि लाठर खाप के चौधरी देव लाठर उपस्थित रहे। कुश्ती दंगल मे लडको व लडकियों ने अपना दमखम दिखाया। जीतने वाले पहलवानो को मेडल व नगद राशि देकर सम्मानित किया गया। अखाड़े के संचालक व श्योराण खाप के चौधरी बाबा परमेन्द्र आर्य ने बताया महाराजा रणजीत सिंह उत्तर भारत के सबसे शक्तिशाली राज्य के राजा थे। उन्होंने अपने युद्ध कौशल व रणनीति से अपने राज्य का विस्तार किया व एक सुसज्जित सेना तैयार की उनके जीवित रहते अंग्रेज कभी भी उनके राज्य मे प्रवेश नहीं कर सके थे। हमे उनके बारे मे अधिक से अधिक पढना चाहिए और उनकी तरह वीर योद्धा बनाने का प्रयास करना चाहिए। कुश्ती दंगल कराने का हमारा उद्देश्य भी यही है कि युवा पीढ़ी नशे से दूर रहे और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने रहे। स्वस्थ नागरिक ही देश व समाज की सेवा कर सकता है।
मुख्य अतिथि खाप चौधरी देव लाठर ने कहा कुश्ती ग्रामीण आंचल का खेल है। सभी को अपने अपने गांव मे कुश्ती दंगल का आयोजन करना चाहिए। ताकि देश मे अच्छे पहलवान तैयार हो सके और देश के लिए मेडल जीतकर लाये। दंगल को सफल बनाने मे ताऊ राजेन्द्र , चेतन नेहरा , विजय मलिक, दुष्यंत चौधरी , सुमित शर्मा वकील, दीपक पहलवान, अभीषेक पहलवान , विराट सांगवान , निजाम पहलवान , डॉ स्वाति मलिक, नीरज पंवार आदि का योगदान रहा। दंगल देखने के लिए दूर से कुश्ती प्रेमी उपिस्थत रहे।