रेगिस्तान के जहाज विश्व ऊँट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

रेगिस्तानी क्षेत्र में ऊँट अहम पशु है, देश के कई स्थानों पर ऊँट आजीविका के लिए महत्वपूर्ण स्त्रोत भी है। राजस्थान में ऊंट की उपयोगिता के कारण पशुपालन में इसका विशेष स्थान रहा है। पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में ऊंट आवागमन ही नहीं, बल्कि खेती और दूध और आपूर्ति का भी प्रमुख साधन रहा है।
राजस्थान में ऊंटों को संरक्षण प्रदान करने के लिए 2014 में हमारी भाजपा सरकार के समय ऊंट को राज्य पशु का दर्जा दिया गया था। वहीं “उष्ट्र विकास योजना” के माध्यम से ऊंटनी के प्रसव पर ऊंट पालकों को 10 हजार रु की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती थी।
आपको बता दें कि शतरंज की बिसात पर प्यादे ,हाथी,घोड़े के साथ सैना का एक अंग ऊँट भी होते हैं जी तिरछे चलकर ही दुश्मन को मारते हैं।ऊँटों का बहुत बड़ा मेला भी लगता है।इनकी दौड़ प्रतियोगिता भी होती है।
सब कुछ है ठीक लेकिन दो कहावते भी प्रसिद्ध हैं जैसे—-अल्प साधन व सुविधा को ऊँट के मुँह में जीरा तथा किसी की चढ़ उतरती है तो अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे ।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.