टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने की एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर ‘शेयर बाजार में हेरफेर’ की सेबी से जांच कराने की मांग
कोलकाता। टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में “शेयर बाजार में हेरफेर” का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है और वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा “चुनाव परिणामों का संकेत देते हुए लोगों से शेयरों में निवेश करने के लिए कहने” के बयानों की जांच की मांग की है।
गोखले ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले को संसद में उठाया जाएगा, क्योंकि एग्जिट पोल में हेराफेरी के बाद 3 और 4 जून को “शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को लेकर कुछ बहुत ही गड़बड़” थी।
भाजपा ने आरोपों को “निराधार” और “मीडिया का ध्यान खींचने का प्रयास” बताते हुए खारिज कर दिया है।
“मैंने शेयर बाजार में हेरफेर के संबंध में सेबी में दूसरी नई शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोगों से शेयरों में निवेश करने के लिए कहने और चुनाव परिणामों का संकेत देने वाले बयानों की जांच की मांग की गई है। मोदी और शाह के ये बयान सेबी (निवेश सलाहकार) विनियम, 2013 के तहत अवैध निवेश सलाह हैं,” उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया।
गोखले ने यह भी कहा, “इसके अलावा, मैंने सेबी से यह भी जांच करने को कहा है कि क्या मोदी, शाह या भाजपा से जुड़ी किसी इकाई ने 3 और 4 जून को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान पर्याप्त लाभ/मुनाफा कमाया है, जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे।
टीएमसी सांसद ने यह भी दावा किया कि “मोदी और शाह के बयानों के साथ-साथ धांधली वाले एग्जिट पोल के कारण भारतीय निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। पीएम मोदी और भाजपा अब पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं चला रहे हैं। सेबी की कार्रवाई के साथ-साथ, यदि आवश्यक हुआ तो इस मामले को संसद में भी उठाया जाएगा।”
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया ने आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि बाजार अपने हिसाब से ऊपर-नीचे होते रहते हैं।
“यह एक लोकतांत्रिक देश है, कोई भी शिकायत कर सकता है। लेकिन ऐसा लगता है कि साकेत गोखले अपनी ही नेता ममता बनर्जी के बीच लोकप्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने सरकार को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा, “बाजार अपने हिसाब से ऊपर-नीचे होता है और चुनाव के नतीजे भी अपने हिसाब से होते हैं।”