RBI ने लगातार 8वीं बार  रेपो दर में नही किया कोई बदलाव, 6.5% पर बरकरार

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को लगातार आठवीं बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, यह कहते हुए कि वह मुद्रास्फीति पर कड़ी निगरानी रखेगा।

मई 2022 से लगातार छह बार दरों में बढ़ोतरी के बाद पिछले साल अप्रैल में दर वृद्धि चक्र को रोक दिया गया था, जो कुल मिलाकर 250 आधार अंक था।

चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।

इससे पहले केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी। रेपो रेट से बैंकों की ईएमआई जुड़ी होती है। ऐसे में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से यह तय हो गया है कि आपके बैंक लोन की ईएमआई में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है।

इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दर निर्धारण समिति ने अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए बुधवार को तीन दिवसीय बैठक शुरू की। यह बैठक 5 जून से शुरू होकर 7 जून 2024 यानी आज तक चली। एमपीसी की बैठक में छह सदस्यों में से चार ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में रहे।

आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के फैसले का एलान करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान है। जो पिछले अनुमान 7% से अधिक है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थिर खर्च के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधियों में तेजी जारी है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में कमी लाने में एमपीसी की भूमिका अहम है। दास ने कहा कि वर्तमान में गर्मी के कारण सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को स्थायी आधार पर 4% के लक्ष्य पर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

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