नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को अग्निपथ योजना के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि शहीद सैनिकों के परिवारों को दिए जाने वाले लाभों की प्रकृति और सीमा में “भेदभाव” है।
राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए गांधी ने कहा कि “इस मामले में अपवाद की आवश्यकता है” क्योंकि वह भारत के सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं और यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।
भारत के राष्ट्रपति को लिखे अपने दो पन्नों के पत्र में गांधी ने कहा कि वह उनसे अग्निवीरों को ‘न्याय’ प्रदान करने की अपील कर रहे हैं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दे दी।
अपने पत्र में उन्होंने अग्निवीर योजना को लेकर सवाल उठाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा, ‘आप भारत के तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर हैं. मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने कले अग्निवीरों के साथ न्याय करने तथा उन्हें मिलने वाले सम्मान और सुविधाओं में ही रहे भेदभाव को समाप्त करने की अपील कर रहा हूं. हमारी सेनाओं से जुड़े इस बेहद ही गंभीर मसले पर आपके ध्यान आकर्षण की त्वरित आवश्यकता है.’
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, ‘कुछ दिन पहले मैं पंजाब के रामगढ़ सरदारन गांव में 23 वर्षीय अग्निवीर अजय कुमार के परिवार से मिलने गया था. उन्होंने इस साल जनवरी में जम्मू-करमीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सर्वोच्च बलिदान दिया था. हर भारतीय की तरह मैं भी इस त्रासदी से आहत हूं, जिसने इतनी कम उम्र में अजय की जान ले ली. इसके अलावा, मैं यह देखकर भी हैरान था कि उनका परिवार बेहद गरीबी में जीने को मजबूर है. मैं अजय की 6 बहनों और उसके माता-पिता से मिला, जो दिहाड़ी मजदूर हैं और एक कमरे के घर में रहते हैं. उनके परिवार ने अजय के जीवन के बारें में दुःख व्यक्त किया और कहानियां साझा कीं. उन्होंने सरकार की उदासीनता के बारे में भी बताया- अजय के परिवार को नियमित सैनिकों के परिवारों को मिलने वाले आजीवन लाभ या सामाजिक सुरक्षा में से कुछ भी नहीं मिला है. इसका मतलब है कि उन्हें पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं, शिक्षा के लिए सहायता या रोजगार में वरीयता नहीं मिलेगी.’