फरीदाबाद में टूटा शराब पीने का रिकॉर्ड, एक साल में 922 करोड़ की सेल, विदेशी से ज्यादा देसी की डिमांड

डिप्टी एक्साइज एंड टेक्सेसन कमिश्नर अनिल यादव ने बताया किइस साल शराब बिक्री से अच्छा राजस्व प्राप्त हुआ है। अभी 12 जून तक का समय बचा है, इसलिए उम्मीद है कि राजस्व प्राप्ति का आंकड़ा एक हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा। फिलहाल नई पॉलिसी अभी आने वाली है। उसके बाद शराब की नई दुकान के लिए ठेके छोड़े जाएंगे।

फरीदाबाद: मयखानों का रुख करने वालों की संख्या बढ़ रही है। जाम भी खूब छलकाए जा रहे हैं, क्योंकि इस साल (2023-24) में अब तक फरीदाबाद के लोगों ने 922 करोड़ रुपये की शराब पी है। सबसे ज्यादा देसी शराब बिकी है। उसके बाद ही अंग्रेजी शराब और बियर बिक्री के मामले में हैं। जिला एक्साइज एंड टेक्सेसन डिपार्टमेंट की मानें तो अभी 25 दिन बाकी है, इसलिए आंकड़ा 922 करोड़ से बढ़कर एक हजार करोड़ तक पहुंच सकता है, क्योंकि पुराने ठेके की समय अवधि 12 जून तक है। इसके बाद ही नए ठेके शुरू किए जाएंगे।

देसी शराब की मांग ज्यादा
पिछले साल मई में जब शराब के नए ठेके अलॉट हुए थे तो सरकार ने टारगेट निर्धारित किया था कि शराब की बिक्री से कुल 760 करोड़ रुपये की कमाई होगी। इसके अलावा अंग्रेजी और देसी शराब का कोटा भी निर्धारित किया था, लेकिन इस कोटे से ज्यादा शराब बिकी है। जिला एक्साइज एंड टेक्सेसन डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल देसी शराब का कोटा 18 लाख निर्धारित किया गया था, लेकिन 12 जून 2023 से 14 मई 2024 तक देसी शराब की कुल 23 लाख 64 हजार 160 पेटियां बिक चुकी हैं। इसके अलावा अंग्रेजी शराब का कोटा 15 लाख 70 हजार 370 निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक 18 लाख 90 हजार 365 पेटियां बिक चुकी हैं। बियर की 1 लाख 13 हजार 234 पेटियां बिक चुकी हैं। कुल मिलाकर 115 जोन में 230 शराब की दुकानों से 922 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ है। अभी इसके बढ़ने की उम्मीद है।

पिछले साल भी टारगेट से ज्यादा बिक्री हुई थीदिल्ली के नजदीक होने की वजह से फरीदाबाद में शराब पीने वालों की संख्या बढ़ रही है। तभी हरियाणा सरकार को शराब बिक्री से मोटा मुनाफा हो रहा है। साल 2022-23 के आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार ने ठेकों से राजस्व की कमाई का टारगेट 471 करोड़ रुपये रखा था जबकि कुल इनकम 558 करोड़ रुपये हुई थी।

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