मंत्रोच्चार और मधुर धुन.. विधि-विधान के साथ खोले गए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट

देहरादून। उत्तराखंड में श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजे पूरे विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और ‘बद्री विशाल लाल की जय’ के नारों के साथ सेना बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. छह महीने के विराम के बाद श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए हैं.

श्री बद्रीनाथ धाम का मंदिर उत्तराखंड राज्य में चमोली जिले के बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित है. बद्रीनाथ धाम में प्रवेश के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, प्रवेश द्वार को फूलों से सजाया गया. बद्रीनाथ मंदिर, अलकनंदा नदी के किनारे, चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी पर स्थित है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है.

विधि-विधान के साथ खोले गए कपाट
धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, श्री उद्धव जी और गाडू घड़ा को दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया. इसके बाद प्रशासन और हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में मंदिर के मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी हक हकूकधारी और श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा विधि-विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए.

सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभ दिन पर भक्तों को शुभकामनाएं दीं. सीएम धामी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘आज भगवान बद्री विशाल के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पूरे अनुष्ठान के साथ खोल दिए गए हैं. चार धाम यात्रा में सभी भक्तों का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन! जय बद्री विशाल.’

नवंबर तक चलती है धाम की तीर्थयात्रा
मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सभी की खुशहाली की प्रार्थना की. बद्रीनाथ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा की जाती है. चार धाम की तीर्थयात्रा आमतौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है.

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