International nurses day 2024: जानें क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस और इस साल की थीम
हर साल 12 मई को नर्सों को दिए जाते है राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई को मनाया जाता है। नर्सेस के योगदान को याद करने और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इंटरनेशनल नर्सेस डे मनाया जाता है।
नर्सों की हो रही है कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अमीर और ग़रीब दोनों प्रकार के देशों में नर्सों की कमी चल रही है। विकसित देश अपने यहां नर्सों की कमी को अन्य देशों से नर्सों को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको अच्छा वेतन और सुविधाएं देते हैं।
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार
नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार की शुरुआत की। पुरस्कार हर साल 12 मई को दिये जाते हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 1973 से अभी तक कुल 237 नर्सों को इस सम्मानित किया है। यह पुरस्कार प्रति वर्ष माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं। आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था। 1965 से अभी तक यह दिन प्रत्येक वर्ष इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज, नर्सों के लिए नए विषय की शैक्षिक और सार्वजनिक सूचना की जानकारी की सामग्री का निर्माण और वितरण करके इस दिन को याद करता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।
नर्सिंग डे का महत्व
किसी सेहत संबंधी समस्या को ठीक करने में डॉक्टर का काम तो महत्वपूर्ण होता ही है लेकिन नर्स के काम को भी कम नहीं आंका जा सकता। नर्स ही होती है जिसके ऊपर मरीज के उपचार की जिम्मेदार होती है। इस वजह से भी यह दिन बहुत महत्व रखता है। कोरोना महामारी के दौरान तो डॉक्टरों के साथ इन्होंने भी बिना आराम किए दिन-रात मरीज़ों की सेवा की थी।
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस थीम 2023
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2023 की थीम थी our nurses, our future
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2024 थीम-
हमारी नर्सें. हमारे भविष्य। देखभाल की आर्थिक शक्ति