International Firefighter Day 2024:जानें क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस, क्या है इसका इतिहास
फायर फाइटर्स के जज्बे और काम को सम्मान देने के उद्देश्य से हुई थी इस दिन की शुरुआत
नई दिल्ली। हर साल 4 मई को अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। आपदा में फायरफाइटर्स के बलिदान के रूप में अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। इनके बलिदान और बहादुरी के कारण लोग और पर्यावरण सुरक्षित है। आग की तेज लपटों की बिना परवाह किए बिना ये लोग औरों के उजड़ते आशियाने को बचाने के लिए अपनी जान तक की परवाह नही करते है। अपने फर्ज को निभाने के लिए एक फोन कॉल पर धधकी आग को शांत करने के लिए अपनी जान की बाजी भी लगा देते है..
इतिहास
अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस पहली बार साल 1999 में मनाया गया। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित लिंटन की झाड़ियों में आग लगी थी। इस आग को बुझाने गई टीम के पांच सदस्यों की झुलसकर मौत हो गई थी। अचानक हवा की दिशा बदलने से पांचों फायर फाइटर आग में फंस गए। उनके बलिदान और बहादुरी के सम्मान में हर साल 4 मई को अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। इसी दिन फ्लोनि संत और फायर फाइटर फ्लोरिन की मृत्यु हो गई थी। ऐसा कहा जाता है कि एक बार उनके गांव में आग लग गई थी तो एक ही बाल्टी पानी से उन्होंने पूरे गांव को बचा लिया था। इसके बाद से यूरोप में हर साल 4 मई को फायर फाइटर मनाया जाने लगा।
अग्निशामक दिवस का प्रतीक
अंतर्राष्ट्रीय फायरफाइटर्स डे के प्रतीक में लाल और नीले रंग के रिबन होते हैं। इस रिबन को पांच सेंटीमीटर लंबा और एक सेंटीमीटर चौड़ा काटा जाता है। जिसके उपर दो अलग-अलग रंग होते हैं। लाल और नीले रंगों का अर्थ अलग अलग है। लाल आग के तत्व और नीला पानी के तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। आपातकालीन सेवाओं को सूचित करने के लिए लाल और नीले रंग मान्यता दी गई है।
उद्देश्य
इंटरनेशनल फायरफाइटर्स डे का मुख्य उद्देश्य फायर फाइटरों को उनके खतरनाक काम के लिए धन्यवाद और सम्मान देना है। जो जान दांव पर लगाकर लोगों और वन्य जीवों की जान आग से बचाते हैं।