बदायूं से इंतजार हुसैन की रिपोर्ट
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के जन्मदिन सर सैयद डे मदरसा आलिमा जनाब मे धूमधाम से मनाया गया।जिसके मुख्य अतिथि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शीराज़ आलम रहे इस अवसर छात्र छात्राओं को उपहार वितरित किए गए।
मुख्य अतिथि एडवोकेट मोहम्मद शीराज़ आलम ने सर सैयद डे के अवसर पर सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा सर सैयद अहमद खान को केवल एएमयू के संस्थापक के रूप में सीमित कर दिया गया. जबकि, उन्होंने आधुनिक चिंतन को लेकर बड़ा काम किया है. शिक्षा के लिए स्कूल की स्थापना से बड़ा उनका राजनीतिक और धार्मिक विचार है, जिसको आज लोग भूल गये हैं।सर सैयद अहमद खान को मुसलमानों के लिए आधुनिक स्कूल बनाने के लिए फतवों का सामना करना पड़ा था. इतना ही नहीं, शिक्षा के लिए उन्हें पैरों में घुंघरू बांध कर चंदा भी मांगा था. सर सैयद अहमद खान ने अंग्रेजों की गुलामी के समय मुस्लिमों में शिक्षा का अलख जगाने की मुहिम चलाई थी. सर सैयद अहमद खान चितंक के साथ-साथ शैक्षिक एंव सामाजिक संगठनकर्ता भी थे।
इसलिए उनके पूरे व्यक्तित्व में वैचारिक चिंतन की स्वतंत्रता, स्वछंदता, संगठनकर्ता के साथ राजनीतिक कौशल का गुण भी देखने को मिलता है। उन्होंने इस सूत्र वाक्य से मुस्लिम समुदाय के मुस्तकबिल का मसौदा तैयार किया “इंसान में तमाम खूंबियां तालीम से पैदा होती है।” अपने जीवन के चार दशक उन्होंने इस सूत्र वाक्य को पूरा करने में खपा दिए।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष नसीम खान मदरसा प्रबंधक वसीम अज़मत अनस एंव समस्त स्कूल स्टाफ उपस्थित रहा