World Intellectual Property Day 2024: जानें क्यों मनाया जाता है यह विशेष दिन

बेहतर भविष्य बनाने के लिए युवाओं की मदद कर सकते बौद्धिक संपदा अधिकार

नई दिल्ली। रचनात्मक मनुष्य की स्वाभाविक वृत्ति है। मानव विकास के लिए यह एक आवश्यक शर्त है। लेकिन अगर किसी की रचनात्मकता को उचित सम्मान ना मिले तो कोई भी इसमें इतनी रुचि नहीं लेना चाहेगा। इसीलिए हर साल 26 अप्रैल को नवाचार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने और इस संबंध में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस मनाया जाता है।

इतिहास
दुनियाभर में बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1967 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) का गठन किया गया था। मौजूदा वक़्त में इसके तहत 26 अंतर्राष्ट्रीय संधियां आती हैं और 191 देश इसके सदस्य हैं। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है। भारत 1975 में WIPO का सदस्य बना था। अब सवाल उठता है कि बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के लिए 26 अप्रैल ही क्यों चुना गया? इसके लिए आपको बता दूं कि साल 1970 में 26 अप्रैल को ही WIPO कन्वेंशन अस्तित्व में आया था। इसीलिए साल 2000 में WIPO के सदस्यों ने इस दिन को बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया।

बौद्धिक संपदा क्या है
बौद्धिक संपदा (आईपी) दिमाग की रचनाओं से संबंधित है, जैसे आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन और व्यापार में उपयोग किए जाने वाले प्रतीक, नाम और चित्र आदि।

 

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