World Malaria Day: जानें 25 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस, क्या है इसका इतिहास
मलेरिया से बचना है मच्छरों को पनपने से रोके
नई दिल्ली। हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस दुनिया-भर में मलेरिया को नियंत्रित करने के वैश्विक प्रयासों को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है। मलेरिया, परजीवी के कारण होने वाली बीमारी, संक्रमित मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलती है। यह दिन मलेरिया को समाप्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने और बीमारी से होने वाली पीड़ा और मृत्यु को कम करने के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत अफ्रीका मलेरिया दिवस के रूप में हुई थी। यह पहली बार 2008 में मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया कि दुनिया भर के देशों में मलेरिया के अस्तित्व की पहचान करने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए ताकि मलेरिया जैसे रोग से विश्व स्तर पर लड़ने का प्रयास किया जा सके।
विश्व मलेरिया दिवस की थीम
इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम रखी गई है ‘Ready To Combat Malaria’ यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार। इस थीम के पीछे का मकसद लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए जागरूक करना है।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षण अधिक है लेकिन एक ही मरीज में सभी ये लक्षण दिखाई दे यह जरूरी नहीं है। मलेरिया के मुख्य़ लक्षण है- बुखार आना, सिर दर्द , उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना आदि।
मलेरिया से बचाव
मलेरिया से बचने के लिए कई उपाय है लेकिन मलेरिया को रोकने व बचने के लिए मच्छरों को पनपने ना दे।
मलेरिया के मच्छर अधिकतर शाम या रात को काटते है इसलिए इस समय संभव हो तो इस समय घर में ही रहे। मलेरिया से बचने के लिए शरीर के अधिकांश हिस्सो को ढक कर रखने वालें कपड़े पहने,,….. घर के आस पास बारिश के पानी या गंदे पानी को जमा ना होने दे …