नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन चैत्र नवरात्रि पर्व का समापन होता है। इस दिन व्रत का पारण विधि-विधान से किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां भगवती के साथ-साथ प्रभु श्री राम की उपासना का भी विधान है। ज्योतिष शास्त्र में नवरात्रि व्रत पारण शुभ मुहूर्त में किया जाता है-
चैत्र नवरात्रि 2024 व्रत पारण समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल दोपहर 01:23 से शुरू हो चुकी है और इसका समापन 17 अप्रैल दोपहर 03:14 पर होगा। ऐसे में चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण दोपहर 03:14 के बाद किया जा सकेगा। जो लोग रामनवमी के शुभ अवसर पर व्रत का पालन कर रहे हैं। उन्हें अगले दिन यानी 18 अप्रैल के दिन व्रत पारण करने की सलाह दी जाती है।
चैत्र नवरात्रि व्रत पारण विधि
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। माता की पूजा के बाद कन्या पूजन करें और भोजन कराएं। घर में यदि कलश स्थापना की है तो उनकी पूजा करें और फिर जौ-ज्वारे को बहते पानी में विसर्जित कर दें। फिर बताए गए समय के बाद व्रत का पारण करें और अन्न ग्रहण करें। इससे नवरात्रि पूजन का फल प्राप्त होता है।