केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक, 150 वस्तुओं पर चर्चा

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक हो रही है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें लगभग 150 वस्तुओं की दरों में संशोधन और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर जीएसटी लगाने या न लगाने पर निर्णय शामिल हैं। इस बैठक से केंद्र सरकार को करीब 22,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है।

फूड डिलीवरी पर जीएसटी में बदलाव हो सकता है
इस बैठक में एक प्रमुख चर्चा का विषय यह है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म द्वारा लिया जाने वाला डिलीवरी शुल्क 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आएगा या नहीं। वर्तमान में, फूड डिलीवरी कंपनियां डिलीवरी शुल्क पर कोई जीएसटी नहीं देतीं। लेकिन इस बैठक में संभावना जताई जा रही है कि इस पर जीएसटी दर घटाई जा सकती है। अगर यह बदलाव होता है, तो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की तरफ से फूड डिलीवरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा सकता है। फूड डिलीवरी कंपनियों ने भी यह मांग की है कि उनकी सेवाओं को रेस्टोरेंट के समान माना जाए, ताकि उन्हें कम टैक्स लगे।

स्वास्थ्य बीमा और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर जीएसटी में कटौती
इसके अलावा, जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर प्रस्तावित दर कटौती और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी चर्चा होगी। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी में छूट की लंबे समय से मांग की जा रही है, क्योंकि इससे बीमाकर्ताओं और पॉलिसीधारकों दोनों पर कर का बोझ कम होगा।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई में मंत्रियों के एक समूह ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी प्रीमियम पर पूरी छूट देने का समर्थन किया है, जबकि कुछ अन्य पैनल सदस्यों ने मौजूदा 18 प्रतिशत दर को घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा, 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाली बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से राहत मिलने की संभावना है।

एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार
जीएसटी परिषद द्वारा विमानन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी विचार किया जा सकता है। वर्तमान में, एटीएफ पर 11 प्रतिशत का केंद्रीय उत्पाद शुल्क और क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत 2 प्रतिशत की रियायत दी जाती है। यदि इसे जीएसटी के तहत लाया जाता है, तो इसका असर विमानन उद्योग पर हो सकता है।

तंबाकू और सॉफ्ट ड्रिंक पर ‘सिन टैक्स’ का प्रस्ताव
एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव के तहत, जीओएम (मंत्रियों के समूह) ने तंबाकू और सॉफ्ट ड्रिंक पर ‘सिन टैक्स’ लगाने का सुझाव दिया है। इस टैक्स को लागू करने से सरकार का उद्देश्य अस्वस्थ आदतों पर आधारित उद्योगों के मुनाफे पर कड़ी नजर रखना और सार्वजनिक भलाई को प्राथमिकता देना है। इसके साथ ही, ‘सिन गुड्स’ पर 35 प्रतिशत का नया स्लैब भी पेश किए जाने की संभावना है, जो इस वर्ग को और महंगा बना सकता है।

निष्कर्ष
जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर विचार किया जा रहा है, जिनका असर आम लोगों, व्यवसायों और उद्योगों पर पड़ेगा। फूड डिलीवरी, बीमा प्रीमियम, एटीएफ और ‘सिन टैक्स’ जैसे मुद्दे जीएसटी परिषद की बैठक में प्रमुख एजेंडा बन चुके हैं। इन निर्णयों से सरकार को राजस्व प्राप्ति में बढ़ोतरी हो सकती है, वहीं उपभोक्ताओं और व्यापारियों को कुछ राहत भी मिल सकती है, खासकर फूड डिलीवरी पर जीएसटी दरों में संभावित कटौती से।

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