अटारी-वाघा बॉर्डर, अमृतसर | आज पाकिस्तान के विभिन्न जिलों से हिंदू और सिख समुदाय के 400 स्वर्गवासी लोगों की अस्थियां भारत पहुंचीं। इन्हें पाकिस्तान से 6 से 7 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा लाया गया। यह वफद अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत आया और इसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे।
इन अस्थियों में 350 हिंदू परिवारों और 50 सिख परिवारों की अस्थियां शामिल हैं, जिनमें करीब 200 महिलाएं और 200 पुरुष हैं। इन सभी का गंगा में सनातनी परंपराओं के अनुसार विधिवत विसर्जन किया जाएगा।
दिल्ली में 15 दिन होगी पूजा, 21 फरवरी को हरिद्वार में विसर्जन
अस्थियों को पहले दिल्ली के निगम घाट में 15 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना के लिए रखा जाएगा। इसके बाद 21 फरवरी को एक भव्य रथ यात्रा के माध्यम से हरिद्वार के सती घाट ले जाया जाएगा, जहां गंगा में विधिवत विसर्जन किया जाएगा। यह वफद रेल मार्ग से हरिद्वार जाएगा।
पहले भी अस्थियां लाने का सिलसिला जारी
इस वफद का नेतृत्व कर रहे रामनाथ महाराज ने बताया कि वे पाकिस्तान के कराची से हैं और इससे पहले भी 2016 में अस्थियां भारत लाए थे। उन्होंने कहा कि 2011 से अब तक पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले हिंदू और सिख समुदाय के दिवंगत लोगों की अस्थियां भारत लाकर गंगा में विसर्जित की जाती रही हैं।
भारत सरकार से अपील: हर साल वीज़ा की सुविधा दी जाए
रामनाथ महाराज ने भारत सरकार से हर साल वीज़ा प्रदान करने की अपील की, ताकि वे पाकिस्तान में दिवंगत सनातनी धर्म के लोगों की अस्थियां भारत ला सकें और विधिवत गंगा में प्रवाहित कर सकें।