26 जनवरी: किसान संगठनों का देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च, केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन

अमृतसर। जहां पूरा देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मना रहा है, वहीं किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकाला। लाखों किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे। इस मौके पर अमृतसर के गोल्डन गेट पर भी किसानों ने मार्च निकाला।

प्रदर्शन का स्वरूप
किसान संगठनों ने बताया कि यह मार्च कॉर्पोरेट गोदामों, शॉपिंग मॉल्स, भाजपा नेताओं के घरों और दफ्तरों के बाहर, और पंजाब के विभिन्न टोल प्लाजा पर केंद्रित था। सुबह 12 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक ट्रैक्टर खड़े कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।

किसान नेताओं की मांगें
किसान नेताओं ने मीडिया से बातचीत में अपनी मांगों को दोहराया:

  • कृषि उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी।
  • किसानों और मजदूरों को कर्ज से मुक्ति।
  • फसल बीमा योजना को प्रभावी रूप से लागू करना।
  • लखीमपुर खीरी कांड और शुभकरण सिंह की हत्या का न्याय।

उन्होंने कहा कि अंबानी-अडानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों के गोदामों में अनाज स्टोर कर महंगे दामों पर बेचने की साजिश हो रही है, जिसका वे विरोध कर रहे हैं।

संविधान और किसानों के अधिकार
किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को संविधान लागू हुआ था, लेकिन किसानों के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठते हैं। उन्होंने लखीमपुर खीरी कांड और शुभकरण सिंह की हत्या का जिक्र करते हुए त्वरित न्याय की मांग की।

सरकार को दी चेतावनी
किसान नेताओं ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे ट्रैक्टर मार्च में भाग लेकर किसानों का समर्थन करें।

आम जनता का समर्थन
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य लोगों को परेशान करना नहीं है, बल्कि सरकार पर दबाव बनाना है। अब जनता भी किसानों के मुद्दों को समझ रही है और उनके समर्थन में खड़ी हो रही है।

केंद्र सरकार से उम्मीद
किसान नेताओं ने कहा कि 80 करोड़ किसान प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। अगर जल्द ही उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और तीव्र होगा।

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