काठमांडू। नेपाल में बचावकर्मियों ने अब तक 19 शव बरामद किए हैं, जिनमें चार भारतीय भी शामिल हैं। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि पिछले सप्ताह चितवन जिले में भूस्खलन के बाद दो बसें उफनती नदी में बह गईं।
भूस्खलन शुक्रवार को चितवन जिले में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर सिमलताल क्षेत्र में हुआ। 54 लोगों में से तीन लोग घटना के तुरंत बाद तैरकर सुरक्षित निकल गए।
बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही पहली बस में सात भारतीय नागरिकों सहित चौबीस लोग सवार थे। काठमांडू से गौर जा रही दूसरी बस में 30 लोग सवार थे। भारी भूस्खलन की वजह से दोनों बसें त्रिशूली नदी में गिर गईं।
सिमलताल जुड़वां बस दुर्घटना स्थल से अब तक उन्नीस लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। सशस्त्र पुलिस बल के सूत्रों के अनुसार, 19 शवों में से चार शव भारतीय नागरिकों के हैं।
पांच पुरुष शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
नेपाल के स्थानीय अधिकारी बचाव कार्य के लिए बिहार और यूपी में भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, गुरुवार को भी खोज और बचाव कार्य जारी रहा।
बुधवार को सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई तलाशी के दौरान 27 वर्षीय भारतीय नागरिक विवेक कुमार का शव बरामद किया गया।
इससे पहले, दुर्घटनास्थल से 28 वर्षीय ऋषि पाल शाह, 30 वर्षीय जय प्रकाश ठाकुर और 23 वर्षीय सज्जाद अंसारी के शव बरामद किए गए थे।
अधिकारियों ने बचाव कार्य में सहायता के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सोनार कैमरे, शक्तिशाली चुंबक और वाटर ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
दोनों बसों से शव त्रिशूली नदी में 100 किलोमीटर दूर तक बह गए।
पहाड़ी इलाकों के कारण नेपाल की नदियाँ आम तौर पर तेज़ बहती हैं। पिछले कुछ दिनों में भारी मानसूनी बारिश के कारण जलमार्ग उफान पर हैं और उनका रंग गहरा भूरा हो गया है, जिससे मलबे को देखना और भी मुश्किल हो गया है।
मानसून के मौसम में जून से सितंबर तक नेपाल में भारी बारिश होती है, जिससे अक्सर इस पर्वतीय हिमालयी देश में भूस्खलन की घटनाएं होती हैं।